Tuesday, September 30, 2008

’अब ना हिन्दी बोलें,हमका माफ़ी दईदो !! ’ छोरा गंगा किनारे वाला..


बहुत दिनों बाद मुख़ाति़ब हो रहा हूं आपसे.

इन दिनों गंगा में से बहुत पानी बह गया.छोरा गंगा किनारेवाला आख़िर में डर ही गया.

"वह इतना डर जाता है कि बीबी के हिंदी बोलने तक की माफ़ी अंग्रेज़ी में मांग लेता है.हिंदी शिरोमणी कवि बच्चन की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढाने वाले इस कुलदीपक ने सलीम जावेद से शब्द उधार ले कभी अकड़कर किसी फ़िल्म में कहा था कि जहां हम खडे़ होते है, लाइन वहीं से शुरु होती है."

पिछले दिनों यहां के अग्रणी एवं प्रतिष्ठित समाचार पत्र ’नईदुनिया’ में प्रसिद्ध हिंदी लेखिका निर्मला भुराड़िया नें अपने स्तंभ ’ अपनी बात ’ में ’अब ना हिन्दी बोलें,हमका माफ़ी दईदो !’ में ऐसा ही कुछ लिखा था. वे आगे बजा फ़रमाती हैं, कि अमिताभजी अगर आप सच के पक्ष में डटे रहते, शान से हिंदी बोलते तो आपके पीछे लाईन बन जाती!(साथ में कार्टून भी नईदुनिया से साभार).

क्या अचूक बात कही है उन्होनें..


आपको याद है दीवार फ़िल्म का वह डायलॊग, जिसमें इस महानायक नें कहा था-

आज खुश तो बहुत होगे तुम, बहुत खुश होगे, कि वो आदमी , जो कभी तुम्हारे मंदिर की सीढ़ी नही चढ़ा ...आदि .. आदि..

आज मैं कुछ इस तरह से कह रह हूं , राज ठाकरे से कि..

आज खुश तो बहुत होगे तुम, बहुत खुश होगे, कि वो आदमी , जो कभी तुम्हारे दरबार की सीढ़ी नही चढ़ा, वह आदमी आज तुम्हारे सामने हाथ जोड कर खडा है...और ये तुम्हारी जीत है.क्या कसूर है उसका, यही कि उसने उसकी मातृ भाषा बोली, या यूं कहें राष्ट्र भाषा बोली?

मगर महानायक, एंग्री यंग मॆन, ये सब फ़ुस्स हो गया.

ठाकरेवाद, या आतंकवाद या जो कोई भी वाद कहें .. राष्ट्रवाद कहां रह गया भाई?

इधर आनन फ़ानन में आमिर खान नें भी पैंतरा बदला. मोदी के सामने डट कर खडे होने वाले और शाबासी बटोरने वाले इस नायक नें यह कहा कि वह तो मराठी ही है, चूंकि उसने यहीं जन्म लिया है.याद है ,तब उन दिनों वह जहां खडा़ हुआ , वहीं लाइन बन गयी थी,एक असली नायक के पीछे.

बात खरी कही. आज से कुछ बीस साल पहले, एक बार किसी अन्य संदर्भ में अभिनेता रणधीर कपूर नें यही कहा था.मै स्वयं मराठी होने के बाद भी अपने आप को मालवी (मालवा अंचल का) समझता हूं. मगर अब आमिर खान को भी यही वक्त मिला था अपनी ये बात कहने का?कहां गया वह असली नायक?

कालाय तस्मै नमः !!!

अभी अभी यहां पोस्टते पोस्टते (!!!) सुबह पढी़ यह छोटी सी ख़बर याद आ गयी, जो उपरोक्त अख़बार में कहीं किसी कोनें में छपी थी.

आख़िर पुलिस नें बडी़ ज़द्दोज़ेहद के बाद अमिताभ बच्चन को धमकी देने वाले ’राज ’ को राजस्थान में पकड ही लिया. क्षमा करें , ये ’वो’ नहीं , वरन कोई देवीसिंग राज पुरोहित है जिसने इस महानायक को SMS कर २५ करोड की रु. की फ़िरौती मांगी थी !!!

चलो, ऐसा नही है कि पुलिस काम नही करती, आप ख़्वामख्वाह ताना देते रहतें हैं.मुम्बई में दादर बांद्रा में नहीं जा सकी तो क्या? राजस्थान तक जाने की मुस्तैदी तो दिखाई.सॊरी, हमका भी माफ़ी दई देब.

कालाय तस्मै नमः !!!



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दुर्गा पूजा और नवरात्रि...


आज से आद्यशक्ति की आराधना का नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि उत्सव प्रारंभ हुआ.घर घर में घटस्थापना और देवी मां की मूर्ति स्थापित होगी. गुजरात , महाराष्ट्र , और मध्य प्रदेश में हर मोहल्ले , हर गली में गरबे और डांडिया की धूम मचेगी.बंगाल में काली मां की मूर्ति स्थापना के साथ बंगला संस्कृति और कला का मंचन किया जायेगा.आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें..



तुम्ही वैष्णवी,
तुम्ही रुद्राणी,
तुम्ही शारदा अरु ब्राम्हणी..
नमस्तस्यै,नमस्तस्यै,नमस्तस्यै, नमो नमः ...





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ईद मुबारक ...


















अनेकता में एकता के कथन को सच करने आ गया है ईद-उल-फ़ितर का पाक़ ,पवित्र त्योहार.

तन , मन और आत्मा की शुद्धता के लिये रमज़ान के महिनें में कडे़ रोज़े रखने वाले हमारे मुसस्सल ईमान रखने वाले भाई बहनों को ईद की दिली मुबारकबाद, हार्दिक शुभकामनायें..

नाज़िरीन , ज़रा इन तस्वीरों पर गौर तो फ़रमायें...















क्या इन मासूम चेहरों में आपको कोई आतंकवादी दिखाई दे रहा है?

7 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया व सार्थक पोस्ट के लिए बधाई स्वीकारें।

Asha Joglekar said...

भैया फिल्में भी चलवानी हैं कि नही । और गलती के लिये माफी मांगना तो ठीक ही है

Udan Tashtari said...

सही है!!

Sajeev said...

दिलीप भाई हमारे देश के राजनितिक समीकरण कुछ ऐसे ही हैं, अमिताभ ने माफ़ी मांग कर भी एक संदेश दिया है जिसे श्याद कोई समझ नही पाया है अमिताभ उत्तर भारत से है या कहें हिन्दी भाषी हैं, मगर इंडस्ट्री की सबसे बड़ी हस्ती हैं वो भी और उनका परिवार भी उनका माफ़ी मांगना इस बात का साफ़ संदेश है की जब अमिताभ जैसी हस्ती भी महाष्ट्र में डर कर रहे तो बाकि उत्तर भारतीय किस दहशत में रहते होंगे. राज के कुराज के प्रति ये एक "स्टेटमेंट" है दूसरा जब एक सरफिरा आदमी आपके नाम पर खून खरबे पर उतर आए और उसके चलते बहुत से लोगों का नुक्सान हो तो ये ऐसे आदमी से बहस निरर्थक है क्या अमिताभ के माफ़ी मांगने से राज के attitude में कोई फर्क आया ? आएगा भी नही. और आपको लगता है की यदि अमिताभ अपनी बात पर रहता तो देश उनका साथ देता ? कौन देता ? जनता की कोई आवाज़ है इस देश में ? हाँ ये होता की कुछ दूसरी राजनितिक पार्टियाँ इस मुद्दे को सुलगा कर एक ऐसा बवंडर खड़ा कर देती जो जाने कौन सा भयानक रूप अक्तियार कर लेता, बहरहाल आपको गाँधी जयंती, ईद और नवरातों की बहुत बहुत शुभकामनायें, बहुत दिनों से आवाज़ पर नही आए आप ? फ़िर व्यस्त हो गए क्या ?

दिलीप कवठेकर said...

शुक्रिया मित्रों!

आशाजी, गलती किसकी यह महत्वपूर्ण नही है यहां, कहां है यह है.पूरे कुएं में भांग पडी हुई है.

संजीव भाई,

देर भई आने में ,
शुक्र है फ़िर भी आये तो,
आस नें दिल का साथ ना छोडा,
एइसे में वो घबराये तो...

आपके दिल से किये गये स्वास्थ्य की चिंता और शुभकामनाओं के लिये तहे दिल से शुक्रिया दोस्त.
दुनिया में हमारा दिल ही तो है, और आप जैसे मित्रगण.

आपके इस बात में सच्चाई है, कि इस माफ़ी के बाद भी राज के अराजकता में कोइ बदलाव आयेगा. वह तो यही कहेगा- डर गया साला..

अमेरिका में ९/११ के बाद एक भी आतंकवादी हमला नही हो पाया, दृढ , पक्का इरादा, A Genuine Effort, राष्ट्रवादिता, और एक मंत्र- To nip in the Bud.

यहां जनता की तो कोई आवाज़ ही नही है, सही कहा आपने.

Anita kumar said...

दिलीप जी आप को भी नवरात्रि, ईद की ढेर सारी शुभकाममाएं।

RAJ SINH said...

dilip bhau,
sajeev sarathee ne meree bat kah dee.aur amitabh ne to har dukhee se mafee mang lee.kash bharat kee janata bhee kuch hotee.filhal to kuyen kee bhang ke maje lijiye.poora desh to khoon kee holeee me dooba hai.aise me raj thakre kee pipiharee bhee naganya ho gayee hai.dashhara mubarak.prayason me 'VIJAYEE BHAV'.

ek vishesh nivedan:K.L.SAIGAL aur AMEER BAI KARNATAKEE ka gaya hua raja bhartharee ka gana 'bhikcha dede maiyya pingla jogee khada re dwar.......'sun pana AWAZ par sambhav kar sakte hain? kripa hogee.

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