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अंत भला तो सब भला.
बिटिया भी चंगी हो गयी और अपन भी.
दरसल स्वाईन फ़्यु के चक्कर में मीडीया इतनी व्यस्त हो गयी है कि घबराहट ज़्यादा हो रही है, मौतों के बनिस्बत.
ये चित्र मेरी बडी बेटी नूपुर नें पुणें से भेजी है, एक शादी का विचित्र किंतु सत्य चित्र. सत्य यूं कि पूणें में भी हास्य बोध की कमी नहीं है.
वैसे मानसी को डेंग्यु हुआ था और मुझे वाईरल फ़्ल्यु, मगर दोनों में लक्षण एक होने के बावजूद डेंग्यु घातक है, क्योंकि उसमें खून में प्लेटलेट्स की मात्रा काफ़ी कम हो जाती है, और रक्त स्त्राव शुरु हो जाता है, जो कि जानलेवा भी हो सकता है.
इंदौर में इस समय हर १० में से ३ व्यक्ति डेंग्यु या वाईरल से पीडीत है( डेंग्यु की मोर्टेलिटी रेट ५% है जबकि स्वाईन फ़्यु का १%)
मेरे मित्र के बेटे का केस इतना बिगडा कि रातो रात मुम्बई लीलावती हस्पताल में भरती करना पडा.वहां पता चला कि चूंकि बदन दर्द की वजह से एनल्जेसिक गोली दी गयी थी उसने प्लेटलेट्स और भी खतरनाक स्तर तक कम कर दिये.बिटिया को भी गलती या अनजाने में मैने भी यही गोली दी थी, मगर मालूम होते ही स्वयं को दूर रखा, पीडा के गहरे एहसास के बावजूद.
अब पता चला है, कि भारत में अन्य शहरों में भी यही बुखार फ़ैल रहा है, जिसे मीडीया ने अधिक तवज्जो नहीं दी है, जो ठीक ही है.
भगवान ना करे, किसी को ये बुखार हो, मगर ये पोस्ट लिखने का मुख्य उद्देश्य ये ही है, कि अगर हड्डी तोड दर्द के साथ बुखार आये तो प्लेटलेट्स का ध्यान रखें , और एनल्जेसिक गोली से या अस्प्रिन से एकदम परहेज करें.....(डॊ. की सलाहनुसार)
9 comments:
-- चलिए,
आप सब स्वस्थ हो गए
उसी की खुशी है --
माँ दुर्गा इस नव रात्र में
कृपा करें !
- लावण्या
चलिये आप सब अच्छे हो गये,
आप ने बहुत अच्छे ढंग से इस बारे लिखा.
धन्यवाद
अच्छी सलाह है ..अब डेंगू और वाइरल कोई विदेशी बीमारी तो है नहीं जो उसपर इतना हंगामा खडा किया जाये ...रही बिमारियों से मौत के आंकडे की तो देश में मरने के लिए किसी वाइरस की आवश्यकता नहीं है ...दूषित जल , सफाई की कमी , मिलावटी राशन जैसे सैकडों अन्य कारण भी है ..!!
सब स्वस्थ हैं, एक चैन मिला. आपका और परिचार का स्वास्थय खराब होना व्यथित कर देता है.
खामखाँ का शोर है .मेरी दोस्त यु के से आयी अपनी दो छोटो बच्चियों के लेकर .साथ में फ्लू भी था ....पुणे गयी गणपति के लिए मैंने कहा ध्यान रखना खुद डॉ है हंस दी .....वापस जा चुकी है .....मुनाफा जिन्होंने कमाना था कमा चुके ...खबरे जिन्होंने चलानी थी चला चुके .
अच्छी सलाह है ..अब डेंगू और वाइरल कोई विदेशी बीमारी तो है नहीं जो उसपर इतना हंगामा खडा किया जाये
-- चलिए, आप सब स्वस्थ हो गए, उसी की खुशी है --
विभिन्न त्योहारों के इस मौसम में शुभकामनाएं ही शुभकामनाएं.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
आप लोग स्वस्थ हैं, इसकी खुशी है. फोटो देखकर हंसी भी आयी मगर जैसा की कहावत है, "Better safe than sorry."
दवाईयां वैसे भी अपने आप बिना डॉक्टर के परामर्श के खा लेना नुकसानदायक हो सकता है...आप ने सचेत किया .शुक्रिया.
[वैसे यह तस्वीर मुझे एडिट की हुई लग रही है...:)]
ईश्वर न करे किसी को किसी भी प्रकार की बीमारी हो.
[Dr.अनुराग जी की बात से सहमत ..वैसे अमेरिका से बेहतर कोई व्यवसायिक नहीं है!उन्हें पता है मंदी के दौर में कैसे उगाही की जा सकती है.]
इष्ट मित्रों एवम कुटुंब जनों सहित आपको दशहरे की घणी रामराम.
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