
मुंबई पर आतंकवादी हमला..
ब्रेकिंग न्यूज़..
सभी न्यूज़ चॆनल चीख चीख कर गला फ़ाड़ कर कह रहे हैं...
हैरां है हर भारतीय , दुख में है सारा भारत, मगर चॆनल वालों का तमाशा जारी है.
चॆनल वालों ने बहुत बडे़ ब्रेकिंग न्युज़ का खुलासा किया है, - ये एक आतंकवादी हमला है...(वाह,जैसे कोई अभी तक हम तो सोच रहे थे कि ये सब मस्ती हो रही है)
रुकिये जाईये नही--- ब्रेक के बाद हम फ़िर आते है- तब तक आप देखिये बंदर की चड्डी बनियान की ऐड्वर्टाईज़मेंट.और भी - चोकोलेट,कॊंग्रेस भाजपा को वोट दो,सेनिटरी नेपकिन, आदि.
ये हमला अमेरिका के ९/११ के हमले के समकक्ष भारत के लिये माना जा रहा है. मगर उन दिनों CNN ने कमर्शियल ब्रेक लिये बगैर घटना दिखाई थी वहां, और आप हम यहां दो दो हमले झेल रहे है-
एक फ़िदाईन आतंकवादियों का, और दूसरा इन चॆनल वालों का आतंकवाद.
खैर, ईश्वर और अल्लाह उन सभी की आत्माओं को शांती प्रदान करे जिन्होने इस पगलायी नयी पीढी के कुछ नौजवानों द्वारा अपने प्राण गवांयें, और वे शहीद जिन्होंनें अपने प्राणों की आहुती दी, ताकि हम अमन से रह सके.
8 comments:
.kr7उन्होंने जंग में भारत को हरा दिया है.
अपने ड्राइंग रूम में बैठ कर भले ही कुछ लोग इस बात पर मुझसे इत्तेफाक न रखे मुझसे बहस भी करें लेकिन ये सच है उन्होंने हमें हरा दिया, ले लिया बदला अपनी....
हार्दिक श्रद्धांजली मेरे उन शहीद भाईयो के लिये जो हमारी ओर हमारे देश की आबरु की रक्षा करते शहीद हो गये।लेकिन मन मै नफ़रत ओर गुस्सा अपनी निकाम्मी सरकार के लिये
आप सही कह रहे है!सभी दुखी हैं और ऐसे कठिन समय में येtv जोकरों का तमाशा देख कर बहुत ही खराब लगा क्या मिडिया केवल एक तमाशा बन के रह गई है?जिसे देश पर हुये इतने बडे हमले को केवल नाट्कीयता से दिखाना ही सुझा?क्या देश और देश के लोगों के प्रति मिडिया की कोई जिम्मेदारी नही?
आप केसे हमारे मन में उतर जाते हे.
थोड़े से शब्द और पूरी दासतान बयाँ कर दी आपने.
ओर ये जो हलका सा व्यंग लाते हे आप अपने लीक्ने में वह तो हरीशंकर परसाई की याद दीला देता है.आपके दोनो ब्लोग भुकमार्क कर लिये हे मेने.
" आज शायद सभी भारतीय नागरिक की ऑंखें नम होंगी और इसी असमंजस की स्थति भी, हर कोई आज अपने को लाचार बेबस महसूस कर रहा है और रो रहा है अपनी इस बदहाली पर ..."ईश्वर मारे गए लोगों की आत्मा को शान्ति प्रदान करें . उनके परिजनों को दु:ख सहने की ताकत दें .
कोई एक तमाचा मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो, आख़िर हम पक्के गांधीवादी हैं!
कहते है की इतिहास हमेशा अपने आप को दोहराता है.जब मोहम्मद गौरी/महमूद गजनबी जैसे आक्रमणकारियों का ये देश कुछ नहीं बिगाड पाया, जो कि सत्रह-सत्रह बार इस देश को मलियामेट करके चलते बने, तो ये लोग अब क्या उखाड लेंगे.
वैसे भी ये बापू का देश है(भगत सिहं का नाम किसी साले की जुबान पे नहीं आयेगा). अहिंसा परमो धर्म:
अब और क्या कहें, सरकार चाहे अटल बिहारी वाजपेयी की हो या मनमोहन सिंह की, आतंकवाद हमारी नियति है। ये तो केवल भूमिका बन रही है, हम पर और बड़ी विपत्तियां आने वाली हैं।क्यूं कि 2020 तक महाशक्ति बनने का सपना देख रहे इस देश की हुकूमत चंद कायर और सत्तालोलुप नपुंसक कर रहे हैं।
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