आप सब देशवासियों और मेरे ब्लॊग के अंतरंग मित्रों,
आप सभी को इस दिवाली पर सुख और समृद्धि के साथ हार्दिक शुभकामनायें...
सुख दिल के गहराई में , अंतर्मन में स्थाई रूप से वास करे...
समृद्धि मानस के विचारों की, बुद्धि और विवेक के वस्तुनिष्ठ एवं उपयुक्त उपयोग के समझ की....
सर्वेSत्र सुखिन: सन्तु ,
सर्वे सन्तु निरामय ,
सर्वे भद्राणे पश्यन्तु,
मा कश्चिद् दु:खमाप्नुयात् ...
और साथ ही भौतिक स्वरूप के सुख और समृद्धि की भी आप के और आपके परिवार में कभी कमी नहीं आये, ये जगत पिता ईश्वर से तहे दिल से प्रार्थना...
आप इसी तरह यहां इस ब्लोग पर आकर अपने विचारों से इसे और समृद्ध बनायें , और समाज में व्याप्त घृणा और असंतोष के इस संवेदनशील वातावरण में सच्चे और शांतिमय सुझावों और साझा मानसिकता की कड़ी बनाकर सभी सभ्य और असभ्य जनों को सुखी बनायें ,यही कामना..
सुखं हि दु:खान्यनुभूय शोभते,
घनांधकारेश्विव दीपदर्शनम्...
(मृच्छकटिकम् - शूद्रक)
घोर अंधकार में जिस प्रकार दीपक का प्रकाश सुशोभित होता है,
उसी प्रकार दुख का अनुभव कर लेने पर सुख का आगमन आनंदप्रद होता है.
आमीन..
Tuesday, October 28, 2008
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3 comments:
आपको भी बधाई.
apko bhi diwali parv ki dhero shubhakamana or badhaai.
नया साल और दीपावली मुबारक हो
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