Tuesday, September 15, 2009

हिंदी डे के ग्रेट ऒकेज़न पर आपसे रिक्वेस्ट


आपमें से कई ब्लॊगर्स जानते ही होंगे कि कल हिंदी डे था.

कल वैसे मैं ज़्यादा ही बीज़ी था , क्योंकि एक दम से मुझे भी फ़ीवर आ गया था.ऊपर से मेरे दोनों लेपटॊप मेंटेनेंस में,याने करेला और नीम चढा. मगर आई लव हिंदी, इसलिये मेरी बडी डिज़ायर थी कि हिंदी पर कुछ लिखूं.इसीलिये आज लेपटॊप आते ही ये राईट अप.वाईफ़ पहले से दो पेशंट्स से डिस्टर्ब थी और अब १०२ टेंपरेचर में मेरा पोस्ट लिखना कुछ टू मच ही हो गया.मगर मेरे हिडी सोरी हिंदी प्रेम नें मुझे मोटीवेट किया और मिसेस के ऒब्जेक्शन के बावजूद लिखने बैठ गया.

अब आप से क्या छुपाऊं.एक्च्युअली मेरा हिंदी प्रेम तो पूरे वर्ल्ड में फ़ेमस है.मैं जब भी हिंदी बोलता हूं तो ये काफ़ी ट्राई करता हूं कि सिर्फ़ हिंदी के ही वर्ड्स बोलूं, और साथ में राईटिंग में जब भी मैं कोई सेंटेंस लिखता हूं तो मेरी कोशिश होती है, कि इंग्लिश का युज़ ना करूं.

दर असल, हमें अपनी मातृ भाषा पर प्राईड होना चाहिये. यह मात्र भाषा नहीं , लेकिन मदर टंग है हमारी.

इसलिये आप सभी से मेरा रिक्वेस्ट है कि जहां तक हो सकें हिंदी को अपलिफ़्ट करें, और उसके सामने इंग्लिश को कही भी इम्पोर्टेंस ना दें. ये कोई डिफ़िकल्ट नहीं है,बडा ही ईज़ी है.बस आपके माइंड में आप डिसाईड कर लें तो ये कोई इम्पोसिबल नही हैं.

तो आप सब मुझे प्रोमिस करें कि सभी मिलकर इस ग्रेट ऒकेज़न पर याने हिंदी डे पर हम हिन्दी को और इसके कल्चर को , लिट्रेचर को सपोर्ट करें ताकि एक दिन हम गर्व के साथ कह सकें कि हिंदी है हम, हिंदी हैं हम,हिंदी हैं हम वतन हैं हिन्दोस्तां हमारा.....


क्या आप मेरे लॊजिक और फिलॊसॊफ़ी से एग्री करतें है?

12 comments:

राज भाटिय़ा said...

तुसी ग्रेट हो जी, बिलकुल प्योर हिंडी लिखी आप ने, दिन बाग बाग हो गया जी,
मजा आ गया आप का आज का व्यंग लेख पढ कर, काश उन्हे कुछ शर्म आये जो सच मै ऎसा बोल कर अपने आप को हम से उच्च समझते है, मेरी पहचान मेरी मात्रा भाषा ही तो है, ओर मुझे मान है, क्योकि यह मेरी जो है, मेरी अपनी.
धन्यवाद

Anil Pusadkar said...

Happy Hindi Day.

Udan Tashtari said...

बहुत प्राइड की बात है इतना लिखना.

Alpana Verma said...

Dilip ji,Very well written article on this occassion.

We all will follow your advice and will always communicate only in hindi.
After all, it is our mothertongue!We should not feel shy..nahin..?then lets start working in hindi..

Alpana Verma said...

Oh Yea..i forgot to wish you..'happy hindi day'!

Alpana Verma said...
This comment has been removed by the author.
Alpana Verma said...

ब्लोग्वानी पसंद स्टिक्कर यहाँ भी lagaa लिजीये..जो कमेन्ट नहीं कर सकते ---अपनी उपस्थिति तो दर्ज करा सकते हैं..

संगीता पुरी said...

अच्‍छा लिखा ..हिन्‍दी के प्रति आपकी भावना बहुत अच्‍छी लगी

ताऊ रामपुरिया said...

ओह एकचूली आप करेक्ट बोला जी. हिंडी सब पिपल को सपीकना चाहिये. और सभी को सपीकवाना चाहिये. कांग्रेचुलेशन गिविंग फ़ार हिंडी दिवस.

रामराम.

विवेक रस्तोगी said...

वाकई हमारी आजकल की बोलचाल में हम मदर टंग की टांग तोड़ रहे हैं।

डॉ .अनुराग said...

फुल्ली एग्री है जी आपसे ....

दिलीप कवठेकर said...

आप सबको इतने बढिया रेस्पोंस के लिये थॆंक्स. अल्पनाजी नें भी वही स्पिरीट दिखाते हुए अपनी बात कही पूरी इंग्लिश में, और बाकि भी उसी ट्युन पर हैं. हमारे देश की हिंदी का फ़्युचर ब्राईट है दोस्तों.

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